यानी मेरी माँ की सास, मुझे बहुत खुशी हो रही थी यह सोच कर की मेरी दादी मुझे कितना प्यार करेंगी और मुझे कहानी भी सुनाएगी, माँ के साथ भीतर आकर दादी ने देखा की पापा चाय और पकोड़े खा रहे हैं , दादी पापा से बोलीं, 'ओहो मेरे आने की खुशी में तूने पहले से ही पकोड़े बनवा रखें है ', यह सुन कर पापा मेरी माँ की ओर देखने लगे ओर थोड़े से शर्मा भी गए, ओर उन्होंने अपनी माँ यानि मेरी दादी के पैर छुए ओर कहा की माँ यह पकोड़े आपके आने की खुशी के साथ साथ एक ओर मेहमान के आने की खुशी में बने है, मेरी भोली दादी ने समझा की शायद सच में कोई ओर मेहमान घर में आने वाला है, दादी ने मुह बनाते हुए पापा से पूछा की कोन आ रहा है? पापा ने कहा की अपनी बहू से ही पूछ लो न की कोन आने वाला है, यह सुन कर मेरी माँ थोड़ी से शर्मा उठीं ओर कमरे में चली गयी, माँ के यूँ कमरे में जाने से शायद मेरी दादी को मेरे आने का अंदाजा लग गया ओर वह माँ के पीछे ही बच्चो की तरह भागती हुई गयी, दादी ने माँ से पूछा की जल्दी बता न की क्या बात है? क्या कोई खुशखबरी है? दादी के यह बोलते ही माँ ने शर्माते हुए सर हिलाया ओर दादी के पैर छुए , मेरी दादी ने माँ को तुरंत कंधो से पकड़ कर उठाया ओर कहा की भगवान् करे की तुझे चाँद सा बेटा हो, इसके अलावा ओर भी न जाने कितने आशीर्वाद दादी ने माँ को एक ही साँस में दे डाले, दादी के ऐसा बोलने पर मुझे बहुत दुःख हुआ ओर मैंने सोचा की दादी तो मेरे आने की नही बल्कि एक लड़के के आने की उम्मीद कर रही है, लेकिन मैंने सोचा की मैं दादी को इतना प्यार करूंगी की दादी मुझे भी लड़के की तरह प्यार करेंगी, मैंने दादी के इस भेदभाव को एक पल में ही भुला दिया, मैंने सोचा की चलो मेरे माँ ओर पापा तो मुझे प्यार करते है न, बस ओर मुझे क्या चाहिए , दादी का प्यार तो मैं पा ही लूंगी , अचानक पापा पर नजर गयी तो देखा की पापा दरवाजे के कोने पर खड़े हो कर दादी ओर माँ की बातें सुन रहे थे ओर बहुत खुश हो रहे थे, दादी ओर अपनी माँ के बीच का प्यार देख कर मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था, दादी ने माँ को कुछ बातें संघाई ओर माँ से अपना ध्यान रखने को कहा ओर उन्हें अपने साथ ही कमरे से बहार लें आई, दादी ने पापा को बहार आकर कहा की अब तू बाप बनने वाला है इसलिए थोड़ा सयाना बन जा ओर अपनी पत्नी का ध्यान रख, मुझे एक मोटा ताजा बच्चा चाहिए , दुबला पतला बीमार सा बच्चा मुझे नही चाहिए, सो ऐसा कर आज से ही बहू के लिए रोजाना ताजा फल ओर कुछ मेवा ले आया कर, इसके लिए अलग से ढूध भी बाँध दे, ओर आज से पानी भरने ओर कोई भी भारी काम तू करेगा, बहू से कोई भी भारी सामान नही उठवाना , वैसे तो अभी कुछ दिन मैं यही हूँ लेकिन ज्यादा दिन तो मैं नही रुक सकती, तुझे मालूम ही है की गाव में कितना काम छोड़ कर आई हु, तेरे पिताजी को ही सारा काम करना पड़ रहा होगा, इतने में मेरी माँ दादी से बोली की माताजी आप सफर से थक गयी होंगी सो आप आराम करिए इतने मैं आपके लिए खाना बनाती हूँ, यह बोलकर माँ दादी के लिए खाना बनाने के लिए रसोई में आ गए ओर दादी अन्दर जा कर आराम करने लगी, दादी की बातो का पिताजी पर इतनी जल्दी असर हो गया की वो भी माँ के पीछे ही रसोई में आ गए ओर माँ से बोले की लाओ कुछ काम मैं कर देता हूँ, यह सब देख कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था की मेरे आने के लिए सब कितने खुश हैं ओर मेरी माँ कितना ख्याल रख रहे है, माँ ओर पिताजी ने मिलकर खाना बना लिया ओर माँ ने पिताजी से कहा की आप माताजी को बुला लो मैं खाना परोस देती हूँ, माँ ने पिताजी ओर दादी दोनों की थाली लगा दी ओर दोनों खाना खा बैठ गए, दादी ने माँ को डाटा ओर कहा की चलो तुम भी साथ बैठो ओर जल्दी से खाना खाओ ओर उसके बाद एक गिलास ढूध पीकर ही सोना, ओर हा अगर घर में केसर हो तो केसर दाल कर ढूध पीना इससे बच्चा गोरा होता है, दादी की ये सारी बात्तें सुनकर मुझे अन्दर ही अन्दर गुदगुदी हो रही थी की मैं अब गोरी हो जाउंगी, मैं खुश हो ही रही थी की दादी ने माँ से एक बात कही जिसे सुनकर माँ रो पड़ी.............(शेष अगले एपिसोड में...)
आपको यह कहानी कैसी लग रही है यह जरुर बताएं .
आपको यह कहानी कैसी लग रही है यह जरुर बताएं .
बहुत ही अच्छा लिखा है....आपके लेख को पढने के बाद उत्सुकता बढ़ जाती है...कृपया अपना लेख यूँ ही जारी रखें....धन्यवाद्
ReplyDeleteप्रीति.. बेहतरीन कहानी है.. बढ़िया लिख रही हैं आप. अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा... अगर ये आपकी अपनी कहानी है.. तो इसे किताब का रुप दीजिए... एक लड़की की कहानी को लड़की से बेहतर अल्फ़ाज़ भला कौन दे सकता है...
ReplyDeleteaap sundar likh rahi hain..
ReplyDeletebahut achcha lag raha hai padha kar..
wish u good luck...
awaiting for next episode...
Excellence Story Mam.......
ReplyDeleteRegards,
Ankush Sharma
Sec-31 Noida
Mobile # 9350081435
LAJWAAB
ReplyDeleteबहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteबहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !