Monday 7 June 2010

एक लड़की की कहानी एपिसोड- 8

दादी ने कहा की मैं सोच रही हूँ की क्यों न तू भी जांच करा ले? दादी के बस यह कहने की देर थी की माँ की दिल की धड़कन पहले से और ज्यादा तेज धड़कने लगी और माँ बेहोश हो गयी। माँ के बेहोश होते ही दादी भाग कर साथ के कमरे में बैठे डॉक्टर को अपने साथ बुला लाइ, डॉक्टर साहब ने अपने आला लगाया और एक दम बोले की क्या हुआ आपकी बहु की दिल की धड़कन तो बहुत ज्यादा तेज है, क्या आप इन्हें पैदल लाइ है? क्या यह अभी अभी सीडीयाँ चढ़ कर आई है? दादी ने कहा नहीं डॉक्टर साहब न तो मैं इससे पैदल लाइ हूँ और न ही यह अभी अभी सीडीयाँ चढ़ कर आई है, बल्कि हम तो यंहा पिछले २ घंटे से लाइन में बैठे है, डॉक्टर बोला की फिर क्या आपने अपने बहु को डाटा है? मानो या मानो आपकी बहु दिमागी तोर पर बहुत परेशान है जिस वजह से इससे यह चक्कर आया, डॉक्टर के ऐसा कहने पर दादी तुरंत बोली हा डॉक्टर साहब यह आज घर पर भी बेहोश हो गयी थी इसीलिए मैं इससे आज यंहा लाइ हूँ, और रही बात चिंता की तोह मेरी तरफ से मेरी बहु को कोई चिंता नहीं हो सकती , मैं तो इससे अपनी बेटी की तरह मानती हूँ, इसका इतना ध्यान रखती हूँ, जब से मुझे पता चला है की मेरी बहु मेरे घर को चिराग देने वाली है, हमारे खानदान का नाम चलाने वाला आना वाला है तब से तो मैं इससे कुछ काम भी करने नहीं देती, दादी के यह सब बोलने से डॉक्टर शायद माँ की चिंता का कारन समाग गया और दादी से बोला की माता जी आपको कैसे पता की आपकी बहु आपको पोता ही देने वाली है? क्या आपने कही चेक अप करवाया है? दादी ने कहा वैसे तो हमारा खानदान में बरसो से यह परंपरा ही चली आई है की हमारा यंहा हर बहु की पहली बार बेटा ही पैदा हुआ है, इसलिए मुझे पूरा भरोसा है की मेरी बहु यह परंपरा नहीं तोड़ेगी, दुसरे आज मैं इसका चेक अप भी करवाने की सोच रही थी लेकिन जैसे ही मैंने इससे चेकअप करवाने के लिया पुचा वैसे ही यह बेहोश हो गयी। डॉक्टर को यकीन हो गया की जो वोह सोच रहा था वही बात है, इसलिए डॉक्टर ने दादी को समझाया की देखिये माताजी आपकी बहु बहुत ज्यादा कमजोर है इसलिए यह बार बार बेहोश हो जाती है और अगर में ऐसे में आप चेकअप भी करवाती है और चेकअप में कोई गड़बड़ हो जाती है तो उससे होने वाले बच्चे को नुक्सान हो सकता है, इसलिए बेहतर होगा की आप इससे घर ले जाए और पूरा पूरा आराम करने दें, मैं कुछ ताकत की दवाई और सीरफ लिख देता हूँ, आप उन्हें पिलाई और अपनी बहु का ध्यान रखिये, दादी ने कहा की हा हा आप बिलकुल ठीक कह रहे है मैं भी किस पागल ओरत की बातो में आ गयी और चेकअप करने के बारे में सोचने लगी, हमे तो चेकअप करवाने की जरुरत ही नहीं हमारी तो परंपरा में ही लड़का है तो हम क्यों इन मशीनों पर भरोसा करे, दादी ने डॉक्टर साहब से दवाइयों का परचा लिया और माँ को घर ले आई, रास्ते में बहार की ताज़ी हवा लगने से माँ होश में तो आ गयी लेकिन दादी से बोली नहीं और अन्दर ही अन्दर सोचने लगी की लगता है माता जी ने मेरा चेकअप करा ही दिया, (शेष अगले एपिसोड में )

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